18 मई 2011
वाराणसी। उत्तर प्रदेश में अपनी खोई जमीन तलाशने में बेसब्री से जुटी कांग्रेस भट्टा पारसौल की घटना को राज्य के कोने-कोने में ले जाने और इसके सहारे मुख्यमंत्री मायावती को सत्ता से उखाड़ फेंकने की तैयारी में जुट गई है। कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी ने वाराणसी में बुधवार से आरम्भ हुए पार्टी के दो दिवसीय प्रांतीय अधिवेशन में यह साफ कर दिया।
अधिवेशन में आए कार्यकर्ताओं और नेताओं को सम्बोधित करते हुए राहुल ने कहा कि उन्होंने भट्टा पारसौल से तो उत्तर प्रदेश की लड़ाई शुरू की है, वह यहीं रुकने वाले नहीं हैं बल्कि उत्तर प्रदेश के कोने-कोने में इस लड़ाई को ले जाएंगे।
उन्होंने कहा, "भट्टा पारसौल से तो उत्तर प्रदेश की लड़ाई शुरू हुई है। हम इसे लेकर हर गांव में जाएंगे। मैं प्रदेश के कोने-कोने में जाऊंगा और सरकार के खिलाफ लड़ूंगा। इस सरकार को निकाल फेंका जाएगा।"
मुख्यमंत्री मायावती पर निशाना साधते हुए राहुल ने कहा, "मुख्यमंत्री मायावती दावा करती हैं कि भट्टा पारसौल में सब ठीक ठाक है लेकिन मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि वहां सब कुछ ठीक है तो लोग वहां से भाग क्यों रहे हैं, क्यों वहां धारा 144 अभी तक लगा हुआ है।"
उन्होंने कहा, "क्यों राज्य सरकार भट्टा पारसौल की घटना की न्यायिक जांच नहीं करवा रही है। यदि इसकी निष्पक्ष व स्वतंत्र जांच हो जाए तभी पता चल सकेगा कि वहां क्या हुआ था।"
कांग्रेस महासचिव ने कहा कि वह उत्तर प्रदेश सरकार को निकालकर दिखाएंगे। "प्रदेश में पिछले 20 वर्षो में जनता ने विभिन्न सरकारों को देखा लेकिन विकास की सरकार नहीं देखी। केंद्र सरकार की तरफ से महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी कानून (मनरेगा) के तहत मुहैया कराए जाने वाले धन को लेकर प्रदेश की मुख्यमंत्री का कहना है कि उन्हें इसकी जरूरत नहीं है। जबकि दुनियाभर में इस कार्यक्रम की सराहना हो रही है।"
उन्होंने कहा, "दुनिया जिस रफ्तार से चल रही है हम चाहते हैं कि उत्तर प्रदेश भी उसी तेजी से विकास करे। मैं प्रदेश के भविष्य के लिए लड़ूंगा और कोने-कोने में पहुंचकर लड़ूंगा। हमारी लड़ाई सिर्फ चुनावी लड़ाई नहीं है। हम प्रदेश को बदलना चाहते हैं।"
इससे पहले राहुल ने ध्वजारोहण कर अधिवेशन की औपचारिक शुरुआत की। नदेसर में हो रहे अधिवेशन के पहले दिन उद्घाटन सत्र को राहुल गांधी को सम्बोधित करना था लेकिन अधिवेशन की शुरुआत कर उन्होंने कहा, "मैं यहां सुनने आया हूं। इसलिए पहले सबकी बात सुनूंगा और फिर शाम में अपने विचार रखूंगा।"
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी गुरुवार को अधिवेशन के समापन सत्र को सम्बोधित करेंगी। बाद में सोनिया गांधी बेनियाबाग में एक विशाल जनसभा को भी संबोधित करेंगी।
इस बीच, प्रदेश व केंद्र के नेताओं ने एकजुटता से उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के मिशन को अंजाम तक पहुंचाने का आह्वान किया।
जल संसाधन व अल्पसंख्यक मामलों के केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद ने कार्यकर्ताओं व पार्टी पदाधिकारियों को सम्बोधित करते हुए कहा, "हाल में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के कुछ विधायकों को उनके कृत्यों के लिए उम्रकैद की सजा दी गई है। अब जनता की बारी है। बसपा सरकार को जनता उम्रकैद की सजा देगी ताकि वह कभी हमारे सामने खड़ी न होने पाए।"
कांग्रेस महासचिव व उत्तर प्रदेश के प्रभारी दिग्विजय सिंह ने कहा, "मायावती दलित मुख्यमंत्री हैं लेकिन दलितों की हालत सबसे अधिक उत्तर प्रदेश में ही खराब है। माया सरकार सिर्फ पूंजीपतियों को जमीन आवंटित कर रही हैं। स्थिति यह है कि नोएडा और ग्रेटर नोएडा में कोई गरीब जमीन खरीदना भी चाहे तो नहीं खरीद सकेगा।"
उन्होंने कहा, "हमें अपने मतभेदों को भुलाकर एकजुट होना होगा और इस भ्रष्ट सरकार को उखाड़ फेंकना होगा।"
ज्ञात हो कि यह दो दिवसीय प्रांतीय अधिवेशन 2012 के आगामी विधानसभा चुनावों के लिए पार्टी का एजेंडा तय करने में विशेष भूमिका अदा करेगा। अधिवेशन में हिस्सा लेने के लिए लिए धर्मनगरी में केंद्रीय व वरिष्ठ नेताओं का जमावड़ा लगा हुआ है।
अधिवेशन के मद्देनजर वाराणसी की सड़कें झंडे और पोस्टरों से अटी हुई हैं। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने प्रमुख चौक-चौराहों पर सोनिया और राहुल के स्वागत के लिए उनके विशाल कटआउट लगाए हैं।
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